हर माता पिता की एक ख्वाइश होती है की उनके बच्चे एक अच्छे इंजीनियर बने। अच्छे डॉक्टर बने इसकी तैयारी के लिए अच्छे कोचिंग हब कहे जाने वाले Kota शहर में दाखिला करवाते हैं। ताकि उनके बच्चो को अच्छी शिक्षा और पढ़ाई का अच्छा माहौल मिल सके।
रघुवीर धाकड़ ने अपने बेटी काव्या को Kota में कराया था एडमिशन।
मध्य प्रदेश: ऐसा ही सपना मध्य प्रदेश के शिवपूरी जिले में रहने वाले रघुवीर धाकड़ ने भी देखा था। अपनी 20 वर्ष की बेटी काव्या को NEET की तैयारी के लिए उन्होंने अपनी बेटी का एडमिशन राजस्थान में स्तिथ Kota Coaching में कराया। और रहने के लिए हॉस्टल भी दिलाया। उसके बाद माता पिता दोनों अपने घर शिवपुरी में आ गए। फिर माता पिता दोनों हमेशा हर शाम को अपनी बेटी काव्या से फोन पर बातें करते थे। अपनी बेटी का हाल चाल लेते थे। उसकी पढ़ाई के बारे में भी पूछते थे उनकी बेटी अपनी पढ़ाई के बारे में बताती थी। कि पढ़ाई अच्छा चल रहा है। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था।
काव्या का Kota के एक कोचिंग से हुई किडनैप,किडनैपर ने ₹30 लाख का किया डिमांड
Kota Crime News: लेकिन 18 मार्च को दोपहर 3 बजे रघुवीर यानी की काव्या के पिता के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से उनके व्हाट्सएप पर उनकी बेटी काव्या का फोटो आता है। उस फोटो में उनकी बेटी काव्या का हाथ रस्सी से बंधे होते हैं। और मुंह भी कपड़े से बंधा होता है।
और मुंह से खून भी बहता है। फोटो भेजने वाले ने मैसेज में लिखा कि तुम्हारी बेटी को किडनैप कर लिया गया है उसे सही सलामत चाहते हो तो ₹30 लाख रुपए मेरे खाते में जमा कर दो। मैसेज भेजने वाले ने मैसेज में अपना खाता का सारा डिटेल्स भी भेजा था। और 18 मार्च को ही शाम तक पैसा जमा करने की धमकी भी दी थी। पिता ने तो पहले ₹30 लाख रुपया न होने की बात भी कही लेकिन इतना पैसा बंदूबस्त करने का समय मांगा। इसके बाद मैसेज भेजने वाले ने पैसे न भेजने पर उनकी बेटी को जान से मारने की धमकी दी। उसके बाद रघुवीर ने इस घटना की जानकारी शिवपुरी के पुलिस और Kota पुलिस को दी उसके बाद Kota के लिए खुद रवाना हो गए। चुकी मामला केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के छेत्र से जुड़ा हुआ था। तो उन्होंने इस मामले को लेकर पहले तो राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से फोन पर बात की उन्होंने भी बच्ची के पिता से बात की और कहा की आपकी बच्ची को सही सलामत लगा अब मेरी जिम्मेदारी है।
पिछली बार काव्या दिवाली में आई थी घर।
केंद्रीय मंत्री और सीएम के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। काव्या के पिता रघुवीर धाकड़ ने पुलिस को बताया कि सितंबर 2023 में अपने बेटी को Kota में NEET की तैयारी करने के लिए छोड़ कर आए थे। विज्ञा नगर इलाके के एक कोचिंग संस्थान में अपने बेटी का एडमिशन करवाया था। और उसी इलाके में उसको रहने के लिए रूम भी दिलवाया था। आखिरी बार दीपावली पर घर भी आई थी। किडनैप के दो दिन पहले उसकी मां से बात हुई थी। और काव्या ने एग्जाम देकर घर आने की बात कही थी। रघुवीर धाकड़ ने ये कहा की दो साल पहले इंदौर में रहकर NEET की तैयारी कर रही थी। वहां इंदौर में एक लड़के ने काव्या को बहुत परेशान कर रहा था। जिसकी शिकायत उन्होंने इंदौर पुलिस में दर्ज कराया था। बाद में अपने बेटी को शिवपुरी बुला लिया था। और छह महीने शिवपुरी में रहने के बाद सितंबर 2023 में अपने बेटी को NEET की तैयारी के लिए Kota भेज दिया था।
राजस्थान पुलिस को नहीं मिला कोई भी Kota में राजिट्रेशन रिकॉर्ड।
SP अमृता दोहान: लेकिन काव्या के पिता रघुवीर धाकड़ के इस दावे को सुनकर Kota की पुलिस एक अलग ही कहानी सुनाई। कोटा के SP अमृता दोहान ने बताया कि लड़की के परिजन जिस कोचिंग और संस्था की बात कर रहे हैं। वहां उनकी लड़की का कोई रजिस्ट्रेशन ही नही मिला। पुलिस की जांच चल रही है। ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है। कि परिजनों ने जिस कोचिंग और इंस्टीट्यूट का नाम बता रहें हैं। उस कोचिंग में उनकी बेटी का कोई राजिटेशन या किसी भी प्रकार का रिकॉर्ड क्यों नही मिला। और उनकी बेटी काव्या Kota के किस कोचिंग में पढ़ रही थी। और किस हॉस्टल में रह रही थी। ऐसे कई सवालों के जवान मिलना अभी बाकी है। पुलिस इस पूरे मामले के जवाबों की तलास में जुड़ी है। आपका इस मामले पर क्या राय है। हमे कैमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद।