Fast Food Masale, Everest Ban
नमस्कार दोस्तों धूम्रपान और शराब आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। यह तो हम सब जानते हैं इनसे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती है। हार्ट अटैक के चांसेज बढ़ सकते हैं। लेकिन आज के इस नए भारत में अगर कोई अपने खाने में स्वाद डालना चाहें तो वह भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो चुका है। पाँच एप्रिल दो हज़ार चौबिस को हम तुम के फूड्स
सेफ्टी सेंटर की तरफ से पहली नोटिफिकेशन आई थी इन्होंने एमडीएच के तीन मसालों का नाम लिया मद्रास, करी पाउडर, करी पाउडर, Everest Ban और सांभर मसाला इसके इलावा एक एवरेस्ट का प्रोडक्ट फिश करी मसाला इन सब में इथाइल ऑक्साइड की बहुत ज्यादा मात्रा पाई गई। यह कैसा केमिकल है। जिसके सेवन से कैंसर का डायरेक्ट लिंक है। और कई देशों में इसका इस्तेमाल करना।
पूरी तरीके से बैंड है सिंगापुर देश की फूड एजेंसी ने अलग से टेस्टिंग करी और एवरेस्ट की फिश करी मसाले में यही चीज पाई चार मई दो हज़ार चौबिस जिस दिन में यह वीडियो बना रहा हूँ। सिंगापुर हांगकांग और मोदी के देशों ने इन मसालों को अपने देश में बैन कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और नेपाल के देशों की फूड एजेंसी अपनी अलग से टेस्टिंग कर रही है। और जल्द ही वहां पर भी ने बैन
जा सकता है। लेकिन कहानियां पर खत्म नहीं होती है थोडा और गहराई से जांच कराई तो पता चला पिछले चार सालों में यूरोपियन यूनियन की फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने पाँच सौ से ज्यादा अधिक इंडियन प्रॉडक्ट्स को या तो बैन कर दिया है या रीकॉल कर दिया है पाँच सौ सत्ताईस ऐसे प्रोडक्ट्स जिनमें इथाइल इन ऑक्साइड पाया गया फिर से इनमें सिर्फ मसाले ही नहीं बल्कि
शामिल है।
स्पाइसी सीरियस फल सब्जियां फ्लेवर्स आइसक्रीम फिटनेस और भी बहुत कुछ इतना ही नहीं पिछले छह महीने में एमडीएच ने जितने मसाले अमेरिका में भेजे यूएस कस्टम अथॉरिटीज ने उनमें से एक बत्तीस पर्सेंट मसालों को वापस भेज दिया कहा कि उनमें साल्मोनेला पाया गया है यह बैक्टीरिया है जिससे फूड प्वाइजनिंग होती है दस्त लगना फीवर आना
मीटिंग और सीवियर किसी इसमें आपके नर्वस सिस्टम को भी चोट पहुंचा सकता है हालत इतनी गंभीर है और यह सारी खबरें हमें सिर्फ इसलिए पता चल पाएगी क्योंकि दूसरे देशों की अथॉरिटीज अपना काम कर रही भी तो अपने देश में नाटो टीवी चैनलों में इसे दिखाए जा रहे हैं और न ही सरकार की तरफ से कोई चेतावनी आई रे चेतावनी देना तो छोड़ो मोदी सरकार ने पिछले महीने पेस्टीसाइड की लिमिट को दस
गुना बढ़ा दिया जितना पेस्टीसाइड आपके मसालों में पाया जाना एक्सेप्टेबल है उसे दस गुना बढ़ा दिया गया है एक सौ चालीस करोड़ लोगों की जिंदगियों के साथ यहां खेल खेला जा रहा है यहां बात सिर्फ कुछ मसालों की नहीं है यह खेल इससे कहीं ज्यादा खतरनाक है आइए समझते हैं इस वीडियो में गहराई से की कौन सी केमिकल्स है जो पाए जा रहे कि पाए जा रहे हैं क्या इसके पीछे
कारण है और आप अपनी सेहत को बचाने के लिए यहां पर क्या कर सकते
वीडियो शुरू करने से पहले या एक चीज में साफ कर दूं इससे पहले कि कुछ लोग रॉयल्स बार बार सरकार को क्यों बीच में लाते हो हमारे पापा की इसमें क्या गलती है यहां पर इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सारी जिम्मेदारी सरकार के ऊपर है एवरेस्ट कंपनी से जब पूछा गया कि उनके मसाले से क्यों निकल रहे हैं तो उन्होंने क्या जवाब दिया कि हमें तो ने से शरीर क्लीयरेंस
अप्रूवल बोर्ड ऑफ इंडिया नहीं दिया था स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया क्या है इंडियन गवर्नमेंट की रेगुलेटरी अथॉरिटी है जो कि आती है मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अंदर इसके अलावा हमारे खाने में क्या सिर्फ केमिकल्स है या नहीं यह जांच करने की जिम्मेदारी है एफएसएसएआई की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया जो कि आती है मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर
ऐंड और ये सिर्फ हमारे देश की बात नहीं है दूसरे देशों के फूड अथॉरिटीज भी उनकी सरकारों के अंदर आते हैं और वो सारे देश कम से कम अपने देशवासियों की हल्की पर तो कर रहे हैं कम से कम यह तो कह रही हैं कि आपका खाना खतरनाक है इन मसालों से दूर रहो हमारी सरकार के मुँह से एक शब्द तक नहीं निकला एफएसएसएआई की तरफ से इकलौता रिस्पॉन्स ही आया है कि हमें बीस दिन चाहिए इन मसालों की
टेस्टिंग कराने के लिए फिर हम देखेंगे कि हानिकारक है या नहीं इन्हें बीस दिन चाहिए यहां पर एक आम आदमी ने अपनी तरफ से टेस्टिंग कर ली और कुछ ही दिनों के अंदर टेस्ट रिजल्ट अभी एफएसएसएआई वह यूनिट है जिन्होंने भी दिन मांगे यह जवाब देने के लिए कि इसके अंदर इथाइल नुकसान प्रेजेंट है या नहीं है मेरा सवाल एफएसएसएआई से यह है कि अगर मैं चार दिन के अंदर पता लगा सकता हूं कि के अंदर कितना
शायद आपको भी जिनका थैंक्यू इस रिपोर्ट को देखिए एक ट्विटर यूजर ने खुद से डिसाइड किया कि वह एवरेस्ट के फिश करी मसाले को टेस्टिंग करने के लिए भेजेगा उसने से पूर्ण हाइजीन एंड हेल्थ लेबोरेटरी में भेजा तेईस अप्रैल को उसने पचास ग्राम मसाले का सैंपल भेजा और छब्बीस अप्रैल को रिपोर्ट तैयार होकर आगे क्या पाया गया इस मसाले में इथाइल इन ऑक्साइड
की मात्रा सेवन पॉइंट फाइव सेवन मिलीग्राम पर किलोग्राम की कॉन्सन्ट्रेशन में मौजूद हैं इसकी लिमिट है जीरो प्वाइंट वन मिलीग्राम पर किलोग्राम यानी कि यह लिमिट सेट सत्तर गुना ज्यादा मात्रा में कैंसर कॉलिंग केमिकल मौजूद था अब कुछ लोग बहाने मारते हैं कि दुनिया भर के देशों की साजिश है मोदी सरकार को गिराने की इलेक्शन के पहले ही ऐसी खबरें आती है
खबरें इलेक्शन के पहले नहीं आ रही काफी टाइम पहले से आई जा रही है टीवी चैनल बस आपको दिखा नहीं रहे अक्टूबर दो हज़ार बाईस और सेप्टेम्बर दो हज़ार तेईस के बीच में अमेरिका ने पंद्रह पर्सेंट एमडीएच के प्रोडक्ट को रिजेक्ट किया था दो हज़ार बीस से लेकर आजतक जैसा मैंने बताया यूरोपियन यूनियन पाँच सौ सत्ताईस इंडियन प्रॉडक्ट को रिजेक्ट कर चुका है या बैंक कर चुका है और अगर उन देशों
पर यकीन नहीं होता तो इस रिपोर्ट को ही देख लो यह तो एक इंडियन नहीं करवाई है इंडियन लेबोरेटरी में ही इसी शो की सीरियसली को समझ गयी हो तो आइए अब थोडा इस केमिकल था इन ऑक्साइड के बारे में जानते हैं इसका शॉर्ट फॉर्म है कि हो या कि यह फॉसिल फ्यूल का बाय प्रोडक्ट है जिसके इंडस्ट्रियल यूजर्स बहुत सारे हैं लेकिन जो यूज हमारे केस में रिलेवेंट वो है स्पाइस की
गुलशन फ्यूल इंजेक्शन शब्द का मतलब होता है इस इन्फैक्ट करना या स्टेला इस करना जितने हानिकारक कीटाणु और बैक्टीरिया होते हैं खाने में उन्हें मारना इथाइल ऑक्साइड गैस के फॉर्म में इस्तेमाल किया जाता है यह गैस किसी भी मेटीरियल की पैकेजिंग के थ्रू बड़ी आसानी से फ्लो कर जाती है और काफी आसान और एफिशिएंट तरीके से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है बीस इन्फैक्ट करने के लिए
जिज्ञासा अपने आप में कलर लैस है तो आपको दिखेगी नहीं लेकिन फ्लेमिंग जरूर है यानी की आग लग सकती है पर इससे ई कोलाई और साइबर जैसे हार्मफुल बैक्टीरिया को मारा जा सकता है साथ ही साथ फंगस के खिलाफ भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है इंटरेस्टिंग चीज यह है कि फसल उगाते समय इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि मसालों की पैकेजिंग करते समय इसका इस्तेमाल किया जाता है
मसालों मिठाई ऑक्साइड की बहुत ज्यादा मात्रा पाई जाती है तो उस किसान की गलती नहीं है जो फसल को गा रहा है बल्कि उस कंपनी की जिम्मेदारी है जो पोस्ट हार्वेस्ट ट्रीटमेंट के दौरान और पैकेजिंग करने से पहले ही थाली ऑक्साइड का इस्तेमाल कर रही प्रॉब्लम स्टोरेज के वक्त आ रही एक बड़ा सिंपल सा फ्लो चार्ट आप देख सकते हैं स्क्रीन पर जो अलग अलग प्रोसेस बताता है जो इन है कि थैली नोक से
के दौरान सबसे पहले प्री कंडिशनिंग होती है ह्यूमिडिटी टेम्प्रेचर प्रेशर कंट्रोल किया जाता है फिर इस गैस के द्वारा स्टे रियलाइजेशन किया जाता है और फिर उस गैस की वैकेशन और गैस वॉशिंग कही जाती है जो तीसरा प्रोसेस है इसका नाम है वेरिएशन और यह बहुत बहुत जरूरी प्रोसेस क्योंकि यहां पर इस केमिकल को वापस से बाहर निकालने का काम किया जाए
था है नाइट्रोजन इंजेक्शन वैक्यूम भी या सिंह का इस्तेमाल किया जाता है इस केमिकल को खत्म करने के लिए यह बहुत ही इसलिए है क्योंकि स्तर पर प्रॉब्लम आती है अगर खाने की रियलाइजेशन कर ली थी लेकिन उसके बाद ही इसकी वेरिएशन ढंग से नहीं करेंगे तो केमिकल की कुछ खाने में बच जाएंगे इससे कुछ और हानिकारक केमिकल कंपाउंड की फॉर्मेशन होगी जैसे कि तू
क्लोरो इथेनॉल या इथाइल इन क्लोरो हाइड्रोजन या इथाइल इन ब्लैक और ये वही हानिकारक केमिकल्स है वैसे जो कफ सिरफ में भी पाए गए थे इसके बाद मैंने फार्मा फाइल वाले वीडियो में करी थी वही कफ सिरप जिनकी वजह से बच्चों की मौत हो गई थी उज्बेकिस्तान और यही कारण है कि इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर है
ऑक्साइड को ग्रुप वन कार्सिनोजेनिक की कैटिगरी में डालती है इन्होंने चार अलग अलग ग्रुप बनाए रखें क्लासिफिकेशन के ग्रुप वन में वो चीजें हैं जिनसे फॉर श्योर इंसानों को कैंसर होता है ग्रुप ए में वो चीजें हैं जिनसे प्रॉब्लम कैंसर होता इंसानों को ग्रुप बी में वह चीजें हैं जिनसे पॉसिबल हो सकता है कैंसर इंसानों और ग्रुप थ्री वाली चीजें नॉन क्लासिक
बाइबल है तो ग्रुप वन वाली चीजें सबसे ज्यादा खतरनाक है कि लिस्ट देख सकते हो अलग अलग केमिकल्स की जो ग्रुप वन में आते हैं कई सारी चीजें आती है इसमें जैसे कि कोयला टोबैको एल्यूमिनियम की प्रोडक्शन डीजल इंजन का एग्जॉस्ट और इनमें से एक एंट्री पर इथाइल ऑक्साइड भी है इसके बारे में तो यह तक कहा गया है कि लो लेवल पर इथाइल इन ऑक्साइड से
वर्ल्ड कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है अगर आप इस गैस को एल करते हो इससे सेल्युलर मैटीरियल में आपके परमानेंट म्यूटेशन हो सकती है जो कि आपकी आने वाली पीढ़ियों में भी पासवान कही जा सकती है यही कारण है कि यूरोपीय यूनियन की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी ही थाली ऑक्साइड को लेकर न सिर्फ इन्होंने अपने सारे यूरोपियन देशों में कंप्लीटली बैन कर दिया था
ऑक्साइड को बल्कि यह भी कहा कि इम्पोर्टेड चीजों में भी था नहीं ऑक्साइड बैंड इस पॉलिसी में थोड़ा सा बदलाव आया था साल दो हज़ार तीन में जब उन्होंने देखा कि इम्पोर्टेड खाने में माइक्रोबियल टर्मिनेशन का रिस्क काफी ज्यादा है तो इसको मध्यनजर रखते हुए उन्होंने कहा कि ठीक है इम्पोर्टेड खाने में हम बहुत थोड़ी सी मात्रा का थाली ऑक्साइड अलाव करेंगे इन्होंने एक मैक्सिमम लिमिट डिफाइन
करीब जीरो पॉइंट टू मिलीग्राम पर किलोग्राम की मतलब होगा इतना रेसिड्यू रह गया तो चलता है लेकिन इससे ज्यादा लाभ नहीं है लेकिन इस लिमिट को भी दो हज़ार बाईस में यूरोपियन कमीशन ने और भी कम कर दिया उन्होंने कहा जीरो पॉइंट टू भी नहीं जीरो प्वाइंट वन मिलीग्राम पर किलोग्राम नई लिमिट होगी तो आज के दिन ओ की इतनी एक्सेप्टेबल लिमिट है यूरोप में और वो भी सिर्फ इम्पोर्ट किए जाने वाली चीजों में
जो चीजें यूरोप के अंदर बन रही हैं उनमें कंप्लीटली बैंड का इस्तेमाल पिछले साल दो हज़ार तेईस में इन्होंने ईटीएफ की क्लासिफिकेशन भी बदल दी उन्होंने कहा हम इसे धीमी गेंद नहीं बुलाएंगे हम इसे पेस्टिसाइड रेसिड्यू बुलाएंगे इस डेफिनेशन को बदलने का मतलब था कि हर एक यूरोपियन देश के लिए यह मैंडेटरी बन गया वह अपने फूड सैंपल की टेस्टिंग कर इतिहास को लेकर सिंगापुर की बात कर
सिंगापुर की जो मैक्सिमम लिमिट है था लीन ऑक्साइड कि यूरोप से कहीं ज्यादा है तीन मिलीग्राम पर किलोग्राम इनके देश में फ्यूल इंजेक्शन के तौर पर रीतियों का इस्तेमाल करना अलाउड है लेकिन जो लिमिट है इनकी पाँच सौ गुना ज्यादा है यह यूरोप की लिमिट से और फिर भी जब इन्होंने एवरेस्ट की फिश करी मसाला की टेस्टिंग करें तो अपनी लिमिट से ज्यादा इन्होंने एक केमिकल पाए
हम तुम की बात करें तो इस मामले में होंगे की रेगुलेशन ज्यादा मजबूत है सिंगापुर से यह न सिर्फ नीतियों को एक पेस्टिसाइड कंसीडर करते हैं बल्कि इनके देश में इसे फ्यूल इंजेक्शन के तौर पर इस्तेमाल करना अलाउड नहीं है और ना ही से पेस्टिसाइड के तौर पर इस्तेमाल करना लाउड है अगर हॉन्गकॉन्ग में फूड क्वॉलिटी को लेकर वायलेशन होती है तो पचास हजार डॉलर का फाइन लग सकते हैं और छह महीने की
जेल हो सकती है
सब सुनकर अगर आप टेंशन में आ रहे और आपको लग रहा है कि भगवान जाने क्या क्या आया हमारे खाने में कौन कौन से हानिकारक केमिकल्स है तो चिंता मत करो जी पिटी जैसा तू यहाँ पर आपकी बहुत मदद कर सकता है किसी भी खाने के आइटम की इंग्रिड लिए देखो पीछे और किसी भी इंग्लैंड के बारे में अब सवाल कर सकते जेबीटी सिख फॉर एग्जाम्पल पोटैशियम रूममेट यह कई ब्रेड में इस्तेमाल किया जाता है
जब पूछो इस पोटैशियम रूममेट बैड पर हेल्थ एंड बैंड इन एनी कर्णप्रिय आपको जवाब मिल जाएगा क्लियर ली की से यूरोप और कैनेडा जैसे देशों में बैन किया गया है लेकिन अमेरिका में अभी भी अलाउड है और यह हानिकारक है हेल्थ के लिए गिन गिन करके नहीं पूछना तो पूरी ग्रीन जिसकी फोटो खींचकर भी आप डाल सकते हो और पूछा एलजीबीटी से इतने सारे जो इंजरी यदि आप इनमें से कोई भी मेरी हेल्प
लिए हानिकारक है क्या बहुत अच्छा ब्रेक डाउन यहां पर आपको मिल जाएगा जैसा आप स्क्रीन पर देख सकते हैं क्या जिसकी डेली लाइफ में ऐसी चीजों के लिए बहुत यूजफुल है नॉर्मली ऐसी चीजों को अगर आप गूगल पर सर्च कर नहीं कोशिश करोगे तो घंटे लग जाएंगे आपको आंसर ढूंढने में यही कारण की ध्रुव राठी एकैडमी पर मैंने पूरा साढ़े पांच घंटे का कोर्स बना रखा है मास्टर जी पीटी के ऊपर आप अपनी पढ़ाई में अपने काम में अपनी दिली
लाइफ में चीजों को दस गुना ज्यादा स्पीड से कर सकते हैं इसकी मदद से इस कोर्स में में रेगुलर अपडेट भी डालता होने नेक्स्ट अपडेट जून दो हज़ार चौबिस में आएगा अगर आपने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है तो नीचे जाकर डिस्क्रिप्शन में इसका लिंक मिल जाएगा या फिर क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं कूपन कोड इस्तेमाल कीजिए फूड फॉर फटी फटी परसेंट ऑफ पाने के लिए एक और चीज कहना चाहूंगा पर से
लोगों का सब्सक्रिप्शन खरीदना महंगा लगता है इस ऐप को ट्राई करके देखिए गिनी वहीं सिम फीचर से परफॉर्मेंस चाची पिटी वाली लेकिन जी फुर्ती से आदि से कम कॉस्ट पर अवेलेबल है इसमें जो डायरेक्टली फोटो चैट और पीडीएफ चैट है में लेबल है आप हंगेरियन जिसकी फोटो खींचकर इससे भी आप पूछ सकते हैं से जवाब मिलेगा लिंग डिस्क्रिप्शन में है अब टॉपिक पर वापस आते हैं इतना सब हो
जाने के बावजूद एवरेस्ट के जो डायरेक्टर राजीव शर्मा कहते हैं कि साथ में से सिर्फ एक फिश करी मसाला में ही तो निकला है बाकी सारे मसाले खाने लायक है और दूसरी तरफ एमडीएच का भी यही दावा है कि सारे प्रोडक्ट्स के सेफ है और आराम से खाने लायक है लेकिन पता है क्या दोस्त बात यहां पर सिर्फ इथाइल इन ऑक्साइड की नहीं है जैसा मैंने वीडियो के शुरू में बताया था
अमेरिका में जो एमडीएच मसाले की शिपमेंट को रिजेक्ट किया गया वह साल्मोनेला की वजह से किया गया आयरन की बात देखो यहाँ पर क्या है मैंने आपको बताया था नीतियों का इस्तेमाल किया जाता है साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया को मारने के लिए तो यहां कुछ मसालों में पाए जा रहे कुछ मसालों में साल्मोनेला पाया जा रहा है यूएस एफडीए ने बताया कि अक्टूबर दो हज़ार बाईस और सेप्टेम्बर दो हज़ार तीस के बीच में पंद्रह पर्सेंट
एमडीएच मसाले इम्पोर्ट किए जा रहे थे अमेरिका में उन्हें रिफ्यूज कर दिया गया साल्मोनेला की वजह से लेकिन इसके अगले पीरियड में अक्टूबर दो हज़ार तेईस से लेकर जो अभी तक का समय यह रिजेक्शन करैत छथि वन परसेंट पर था टोटल में ग्यारह शिपमेंट को रिजेक्ट किया गया जिनमें स्पाइस फ्लेवर्स और शॉर्ट्स एमडीएच के और एक शिपमेंट का मतलब यहां पर एक प्रोडक्ट नहीं है एक शिप
मीडिया पर एक कार्टन भी हो सकता है एक ट्रक लोड भी हो सकता है और पूरे जहाज का कंटेनर भी हो सकता
इस आउटलुक के आर्टिकल के अनुसार जनवरी दो हज़ार बाईस में यूएस एफडीए ने एमडीएच की मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का फिजिकल इंस्पेक्शन भी किया था इंडिया में आकर उस वक्त खतरा इतना ज्यादा नहीं था लेकिन तब भी एफडीए ने यह नोट किया था कि प्लांट में एडी क्विड
सैनिटरी फैसिलिटीज कॉम्पिटिशन नहीं है एग्जैक्ट कोड सुनिए इक्विपमेंट और यूनियन से इनकी इस तरीके से डिजाइन ही नहीं किए गए कि उन्हें क्लीन किया जा सके मेंटेन किया जा सके टर्मिनेशन किया अगेंस्ट प्रोटेक्ट किया जा सके बाद यहां सिर्फ एमडीएच की मसालों के नहीं है फाइनैंशल इयर दो हज़ार बीस और दो हज़ार तेईस के बीच में अमेरिका ने सेवन हंड्रेड एटीसी शिपमेंट को
रिजेक्ट किया जो इंडिया से आ रही थी पोर्टल में थी थाउजेंड नाइन हमने ट्वेंटी पाइप ह्यूमन फूड एक्सपोर्ट की शिपमेंट इंडिया से यूएस भेजी गई थी यानी कि बीस पर्सेंट रिजेक्ट हो गई साल्मोनेला की वजह से इसमें सिर्फ मसाले ही नहीं थे इसमें विटामिन मिनरल्स प्रोटीन बेकरी प्रोडक्ट सी फूड प्रॉडक्ट्स भी थे
लाइन पड़ोस आर्टिकल कि क्या है इंडिया से जो आने वाला समान है उसका रिजेक्ट होने का चांस सात गुना ज्यादा है चाइना से आने वाले समान के कंपैरिजन में हमारे देश के स्टैंडर्ड्स को इतना गिरा दिया गया है और बाद यहां सिर्फ मिथाइल ऑक्साइड और साल्मोनेला तक सीमित नहीं रहती पिछले साल की इस खबर को भी देखो चौदह नवंबर दो हज़ार तेईस यूरोपियन कमीशन ने अलार्म साउंड किया
इंडिया से आने वाले कमरे को लेकर जहां पर एक खतरनाक जानलेवा पेस्टीसाइड क्लोरोपायरीफास पाया गया कि पेस्टीसाइड कई देशों में बैंड है क्योंकि इससे बच्चों की ब्रेन ग्रोथ पर फरक पड़ता है इसलिए मैं कह रहा हूं की प्रॉब्लम कुछ मसालों से कहीं ज्यादा बढ़कर है और ये चीजें पिछले कई सालों से देखी जा रही यूरोप में चेतावनी की घंटी साल दो हज़ार बीस में
बेल्जियम के द्वारा बजाई गई थी जब भारतीय से सेमी सीट यानी दिल में इथाइल ऑक्साइड पाया गया था तब से लेकर आजतक ही इतनी सारी चीजों में पाया जा चुका है सीरियल चॉकलेट बिस्किट ब्रेड स्ट्राइकर स्पाइस और तो और खेतों में जो जानवरों को खाना खिलाया जाता है उसमें भी यह पाया गया इस बेल्जियम वाले इंसिडेंट के बाद ही था कि यूरोपियन फूड सेफ्टी एजेंसी
ने इंडियन इम्पोर्टेड खाने को सीरियसली लेना शुरू इनका एक ही इन्फॉर्मेशन नेटवर्क है यूरोपीयन रैपिड अलर्ट सिस्टम फफूंद एनफील्ड जिसका शॉर्ट फॉर्म है आर एस एस एस इनका जो देता होता है यह पब्लिकली अवेलेबल है तो आप खुद भी जाकर चेक कर सकते हैं उनकी वेबसाइट पर मार्च दो हज़ार उन्नीस मार्च दो हज़ार चौबिस के बीच में इंडियन इम्पोर्टेड चीजों को लेकर नाइन हमने
बेटी पाइप आरएस की नोटिफिकेशन चाहिए जिन्हें सीरियस कैटेगरी में डाला गया है ये कोई नेक्सस नहीं है कि सिर्फ एक ऐसी व्यवस्था है जो यूरोप ने अपने देश के नागरिकों की सेफ्टी के लिए बनाई है उनकी कोशिश है कि लोगों को पता चले कि एक जैकलीन किस खाने में क्या क्या पाया जा रहा है इस वेबसाइट का लिंक मैंने डिस्क्रिप्शन में नीचे डाल दिया अब जाकर खुद देख सकते हैं और
स्क्रीन पर इसके कुछ एग्जाम्पल्स देखी मई दो हज़ार बाईस और एप्रिल दो हज़ार बाईस की नोटिफिकेशन ह्यूमेन और वेन्यू ग्रीक में क्लोरोपायरीफास पेस्टिसाइड पाया गया फिनलैंड में बॉर्डर पर ही से रिजेक्ट कर दिया गया नीदरलैंड्स में इसका एलर्ट आया दोनों को सीरियस क्लासिफिकेशन में डाला है आप इनकी वेबसाइट का स्तर सिस्टम भी इस्तेमाल कर सकते हैं अलग अलग प्रोडक्ट को देखने के लिए जैसे कि
टॉक्सिन्स पाए गए पीनट बटर ग्राउंड लत चावल में जो इंडिया से आ रहे थे साल में लेना पाया गया से सिमी सीड्स अनियन पाउडर बीटल में जो इंडिया से आ रहे थे मरकरी और लेट जैसे हानिकारक केमिकल्स पाए गए आयुर्वेदिक प्रोडक्ट में जो इंडिया से इम्पोर्ट किए जा रहे हैं एक नोटिफिकेशन पर डीटेल्स में जाकर नीचे स्क्रॉल करके भी देख सकते हैं कि एग्जैक्ट लिए कितना मरकरी कितना लेट
पाया गया ऐसे प्रोडक्ट्स को लेकर थैंक लिए हमारे देश में जुडिशरी है जो अभी भी कुछ हद तक इंडिपेंडेंट लिए काम कर पा रही है इन्हें लपेटे में लिया उन्होंने भी आपने रिसेंट खबर में देखा होगा वरना हमारी जो हेल्थ मिनिस्ट्री थी और एफएसएसएआई जो है इन्होंने तो खुली छूट दे रखी है जैसे मर्जी झूठे प्रचार करते रहे यादें दो हज़ार पंद्रह में दोस्तों हमारी सरकार ने मैगी को बैन कर दिया था कि
कि उसमें एमएसजी के ट्रेसी पाए गए थे इसके एकदम बाद पतांजलि नूडल्स को लॉन्च किया पूरे देशभर में बड़ी लॉन्च हुई लेकिन अब जब पूरी दुनिया में देश के इतने सारे प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया जा रहा है तो हमारी सरकार कुछ नहीं कह रहे सोच सकते हैं इतने सारे केमिकल्स इतने सारे पेस्टीसाइड जिनको लेकर यह एफएसएसएआई वाले अभी तक इतनी सारी खबरें
आने के बावजूद भी कोई चेतावनी नहीं दे रहे देश में हालत सही में बहुत खराब है और बहुत गंभीर है एक स्टडी की गई थी पेस्टीसाइड एक्शन नेटवर्क इंडिया के द्वारा उन्होंने पाया कि दो सौ पचहत्तर पेस्टिसाइड जो इंडिया में इस्तेमाल किए जाते हैं उनमें से दो सौ पचपन टॉक्सिक परिजन है और छप्पन कार्सिनोजेनिक दो हज़ार सत्रह में स्टडी कही गई थी आज के दिन दो सौ
बानवे पेस्टिसाइड से इस्तेमाल किए जा रहे हैं देश में बच्चे स्पेशली सबसे ज्यादा वल्नरेबल है क्योंकि बच्चों की ब्रेन ग्रोथ डेवलपमेंट पर इसका असर पड़ता है कुछ लोग सोचेंगे कि और ज्ञानी खाना यहां पर एक सोल्यूशन हो सकता है जो कि मेरी राय में डेफिनेटली बेहतर ऑप्शन है लेकिन ऑर्गेनिक खाने में भी दो प्रॉब्लम आती है पहला तो यह कि कितने लोग उस टाइप के खाने को फोन कर सकते हैं और दो
श्री प्रॉब्लम इंडिया का जो और क्या नहीं खाना है वह भी एक रिस्क बताया जा रहा है अमेरिका और यूरोप के द्वारा ग्यारह जनवरी दो हज़ार इक्कीस अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर ने इंडिया की एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ अपनी एग्रीमेंट खत्म कर दी इस एग्रीमेंट के तहत इंडिया के बिजनेस इंडिया में बनने वाले और ज्ञानी खाने को यूएसडीए
ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन दे सकते थे लेकिन अमेरिका इस एग्रीमेंट से पीछे हट गया यह कहकर कि इंडिया का जो ऑर्गेनिक कंट्रोल सिस्टम है वह इन सफिशिएंट है वह हमारे स्टैंडर्ड्स मीट नहीं कर रहा और इसलिए हमारा लेबल ऑर्गेनिक का वो लोग इस्तेमाल करें हमारे लेबल की जो रेपुटेशन है वह नीचे गिर जाएगी यूरोप में मार्च दो हज़ार चौबिस में पब्लिश हुई साइंटिफिक रिपोर्ट को देखिए
यूरोपियन यूनियन के एसपी ने पब्लिश किया है इसमें लिखा है इंडिया से आने वाले और ज्ञानी ड्राइव बीन्स राइस डॉक्यूमेंट सीट्स जैसे खाने में क्लोरोपायरीफास पेस्टिसाइड पाया गया यानी आप और यानी खाना खाओगे तो भी कोई गारंटी नहीं है कि उसमें पेस्टीसाइड नहीं मिलेंगे हालांकि फिर भी मैं कहूंगा यह बेहतर है अगर आप अफोर्ड कर सकते हो तो अब इतना कुछ हो जाने के बावजूद
से बेशर्मी वाली चीज जो मोदी सरकार ने कड़ी वो थी ये आठ एप्रिल दो हज़ार चौबिस को एफएसएसएआई के द्वारा एक नोटिफिकेशन आती है इसमें लिखा जाता है कि पेस्टीसाइड इसकी एम आर एल यानी की मैक्सिमम लिमिट बढ़ा दी जाएगी कुछ छोटे मोटे नंबर से नहीं बल्कि दस गुना ज्यादा दस गुना ज्यादा बढ़ा दी सरकार ने पेस्टिसाइड की लिमिट पहले
जीरो प्वाइंट जीरो वन मिलीग्राम पर किलोग्राम पेस्टीसाइड एक्सेप्टेबल खाने में उन्होंने कहा जीरो प्वाइंट वन मिलीग्राम पर किलोग्राम पेस्टीसाइड एक्सेप्टेबल एफएसएसएआई ने इस नोटिफिकेशन में बताया कि फिगर्स प्रॉपर फील्ड ट्रायल के बाद सेट किए गए लेकिन पेस्टिसाइड एक्शन नेटवर्क इंडिया ने इस मंदिर को लेकर ऑब्जेक्शन रेस किया उन्होंने कहा कि सी आई बी आर सी टॉफी
सिकंदर ही नहीं करता पेस्टीसाइड जितना भी देता है वह सारी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के द्वारा प्रोवाइड किया जाता है और सीआई बीआरसी तो सिर्फ अपनी करता है पेस्टीसाइड को उस डेटा के आधार पर जब लोगों ने इस खबर को लेकर सोशल मीडिया पर हल्ला मचाना शुरू किया कि क्या हो रहा है तो एफएसएसएआई ने अपने आप को डिफेंड करने के लिए कहना शुरू कर दिया है तो झूठी खबर है हमें बदनाम करने
की कोशिश करी जा रही है इस न्यूज आर्टिकल को देखिए एफएसएसएआई कह रहा है कि यह रिपोर्ट जो है कि हमने दस गुना लिमिट बढ़ा दिया यह फॉल्स और मनुष्य इस रिपोर्ट से इंडिया के तो सबसे श्रेष्ठ स्टैंडर्ड से अच्छा भाई क्या गलत खबर फैलाई जा रही है जरा देखें क्या इनका डिफेंस था यह कहते हैं हमने लिमिट तो बढ़ाई है हमने दस गुना लिमिट बढ़ा है लेकिन सिर्फ उन्हीं पेस्टीसाइड के लिए जो सी आई बी आर
इसी से रजिस्टर्ड नहीं है सीआई बीआरसी है सेंट्रल इंसेक्टिसाइड बोर्ड रजिस्ट्रेशन कमेटी इंडिया की मतलब यह तो एडमिट कर रहे हैं कि कुछ पेस्टिसाइड लिमिटेड ने बढ़ाई है तो पहला सवाल तो यही कि क्यों बधाई इन्हीं का ही ऑगस्ट दो हज़ार बाईस का ऑर्डर देख उनकी खुद की वेबसाइट पर तीसरे कौन किससे सेकेंड सेक्शन में लिखा है वो पेस्टीसाइड जो रजिस्टर नहीं एससीआई बीआरसी के साथ
उनकी बीडी फोन लिमिट जीरो प्वाइंट जीरो वन मिलीग्राम पर किलोग्राम हो गई अपने पुराने ऑर्डर में तो उन्होंने लिमिट कम रखी थी इन्हीं पेस्टीसाइड की लेकिन अब यह लिमिट बढ़ा दी गई है क्यूँ एफएसएसएआई का यहां पर एक और बहाना है कि हमने डिफॉल्ट लिमिट इसलिए बढ़ा दी क्योंकि जो इम्पोर्टेंट खाना इंडिया में आएगा बाहर के देशों से उनके देशों में लिमिट जो होगी वह थोड़ी ज्यादा हो सकती है इसलिए उस खाने के
लिमिट को बढ़ा रहे हैं अगर दूसरे कंट्रीज पर अपना ब्लेम डाल दो बाहर से आने वाले खाने में ज्यादा पेस्टीसाइड डाला है तो अपने देशवासियों को ज्यादा पेस्टीसाइड वाला खाना खिला दो मतलब हमारी सरकार बिलकुल उल्टा कर रही है जो डेवलप्ड कंट्रीज कर रही है उनका यूरोपियन यूनियन हांगकांग सिंगापुर ये क्या कर रहे हैं या अपने देश की रेगुलेशन कम नहीं कर रही अपने देश की रेगुलेशंस कुछ ट्रिक्स रख रहे हैं ताकि
पेट खाना भी उनके देशवासियों को अच्छी क्वालिटी का मिल सके बिना पेस्टीसाइड की मिल सके और एफएसएसएआई को अगर इतनी ही चिंता है बाहर से आने वाले खाने ही तो जरा ये बता दूं मुझे आज तक इतिहास में उन्होंने कितनी बार इंडियन सिटीजंस को वॉर्निंग दी है चेतावनी दी है कि बाहर से आने वाले खाने में ज्यादा पेस्टीसाइड था कभी भी इनकी तरफ से को चेतावनी सोनिया अपने क्या मोदी से
सरकार को यहां पर चंदा दिया जा रहा है इन पेस्टीसाइड कंपनियों के द्वारा या एक और चंदा धंधा मॉडल यहां पर छिपा है यहां बात सिर्फ हम कंज्यूमर्स की नहीं है बल्कि किसानों की भी बीएमसी पब्लिक हेल्थ डेटा के अनुसार दुनिया भर में ग्यारह हजार पार बस मारे जाते हैं हर साल पेस्टीसाइड की वजह से इनमें से करीब छः हज़ार पाँच सौ फार्मर्स इंडियन होते हैं यानी कि दुनिया भर में मारे जाने
वाले सिक्सटी परसेंट किसान सिर्फ हमारे देश में मारे जा रहे हैं
नंबर्स भी यहां पर अंदर रिपोर्ट है और कोई कानून नहीं है जो यहां पर किसानों की सिर्फ तीन शोधकर्ता सेफ्टी तो छोड़ो खाने की मिलावट की खबर सुनते ही लोग सबसे पहले इंतजाम किसानों पर लगाते हैं लेकिन जैसा मैंने बताया इथाइल ऑक्साइड कि जब ज्यादा मात्रा पाई जा रही है खाने में कि प्रोडक्शन के द्वारा नहीं हो रही स्टोरेज और पोस्ट प्रोडक्शन की
टाइम पर होती और पेस्टीसाइड की बात करें तो कंपनी जितना प्रेशर आइस कर रही है किसानों को की जबरदस्ती और पेस्टिसाइड को किसानों को यह कहा जा रहा है कि अच्छी फसल तभी मिलेगी जब और ज्यादा पेस्टीसाइड छिड़का जाए लेकिन हेराल्ड के आर्टिकल में यह किसान का कहना था हमें कंपनी कहती है कि प्लांटिंग करने से पहले ही पेस्टिसाइड छिड़क दो सीट के ऊपर अलग केमिकल दल
होते हैं जो बायो पेस्टीसाइड होते हैं जो कि नेचुरल आखिर इन केमिकल्स होते हैं उनके नाम पर भी अब केमिकल्स का कॉकटेल बेचा जाए दो हज़ार पंद्रह में हमारी सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी बिठाई थी अंदर चेयरमैन डॉ अनुपम वर्मा इस कमेटी ने सिक्सटी सिक्स पेस्टिसाइड को रिव्यू किया जो कि दुनिया के किसी ना किसी देश में बैंड है लेकिन इंडिया में अभी भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं
कमेटी ने जब अपनी रिपोर्ट सबमिट करें तो उसमें कहा गया कि सरकार को कम से कम तेरह पेस्टीसाइड को बैन करना चाहिए और है और पेस्टिसाइड को फ्रीज आउट करना चाहिए बाद है या तू था
पर इस कमेटी की बात सुनने में सरकार ने खुद ही चार साल का समय लगा दिया जनवरी दो हज़ार उन्नीस में बारह पेस्टिसाइड को फाइनली जाकर बैन किया गया और छः को दिसंबर दो हज़ार बीस तक आउट करने का प्लान बनाया गया पांच साल का ले कर दिया सरकार ने और सुन चौदह मई दो हज़ार बीस को सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से ड्राफ्ट पे ऑर्डर आता है कि जो सिक्सटी सिक्स पेस्टिसाइड मंचन किया
गए थे उनमें से सत्ताईस को बैन कर देना चाहिए लेकिन इस बैन को लेकर यूनियन मिनिस्टर ऑफ केमिकल फर्टिलाइजर सपोर्ट करती है और सरकार एक यूटर्न ले लेती है फरवरी दो हज़ार तेईस तीन साल बाद एक और नोटिफिकेशन जारी कर जाती है सरकार के द्वारा इस बार कहा जाता है कि उन सत्ताईस में से सिर्फ तीन ही पेस्टिसाइड को बैन किया जाए
ध्यान तो यहां पर सत्ताईस में से चौबिस पेस्टिसाइड काफी सारे देशों में पूरी तरीके से बैंक लेकिन हमारी मोदी सरकार को लगता है कि सिर्फ तीन ही बैन करने का डिसीजन लेना काफी क्या कारण है कि हमारी सरकार एफएमसीजी कंपनी पेस्टीसाइड कंपनी को इस तरीके से फ्री हैंड देती है जो विदेश की कंपनी इंडिया में आती है उन्हें भी इस तरीके से
स्टैंडर्ड को एक एक्सप्लोर करने दिया जाता है पूर्व फार्मर के वीडियो जरूर आपने देखे होंगे कितनी ही कंपनी के कितने ही प्रोडक्ट्स को उसने कठघरे में रखा है नेस्ले किटकैट से लायक ले स्प्रिंग्स की तरह से में नेम्स कैडबरी बोर्नविटा हाल ही में इंडिगो एयरलाइन्स के खाने को भी एक्सपोज किया जैसे उनके सो कॉल्ड हेल्दी खाने में भी उपमा पोहा दाल चावल में ज्यादा सोडियम
की मात्रा होती है मैगी से लेकिन ये सारी कंपनी क्या जवाब देती है कि हम जो कर रहे हैं वह कानून के दायरे में रहकर कर रहे हैं जो गाइडलाइन सरकार ने बनाई है एफएसएसएआई ने जो गाइडलाइन बनाई है हम तो उसे फुलफिल कर रहे हैं जाए दोस्तों यहां पर इंडियन फूड कंपनियों एमएनसी झोक केमिकल सोप पेस्टिसाइड कोल्ड ड्रिंक बेचने वाली कंपनी
नेचुरल आयुर्वेदा के स्कैम सरकार के कंट्रोल में कुछ नहीं रहा यह बिक गई एक और में आप और में मैं कुछ नहीं प्रधानमंत्री मोदी वहां अपने भाषण में बिजी हैं मंगलसूत्र मटन और मुसलमानों के नाम पर लोगों को डराने और यहां लोगों को जहरीला खाना खिलाया जा रहा है सही मायने में इसका सलूशन है वह सरकार की तरफ से ही आ सकता
है अगर सरकार अपने रेगुलेशंस कुछ ट्रिक्स बनाएं अगर सरकार का चंदा धंधा मॉडल खत्म किया जाए तो ऐसे इंडिविजुअल हम अपनी तरफ से कोशिश कर सकते हैं कि और खाना खरीदें अगर आप किसी किसान को जानते हैं तो डायरेक्टली उनसे खरीदी है ताकि क्वालिटी का आपको पता चल पाए और इथाइल इन ऑक्साइड को लेकर क्योंकि स्टोरेज में प्रॉब्लम आ रही थी तो जितना फ्रेश खाना हो सके उसे
अगर आपको किसी खाने की क्वालिटी को लेकर डाउट होता है तो आप अपनी तरफ से भी फूड आइटम्स को भेज सकते हैं क्वॉलिटी टेस्ट कराने के लिए अलग अलग लेबोरेटरीज जैसा कि मैंने शुरू में वीडियो के एग्जाम्पल बताया था कि ट्विटर यूजर ने खुद से अपने एक सैंपल को भेजा था लीन ऑक्साइड की टेस्टिंग करवाने के लिए और ओवर ऑल जितना ज्यादा हम और ज्ञानी खाने को प्रमोट कर सके उतना है
तरह है लेकिन इस भयानक प्रॉब्लम का सही मायनों में सलूशन सरकार की तरफ से ही आ सकता है और क्या वो इस मौजूदा मोदी सरकार की तरफ से आएगा मुझे तो मुश्किल लगता है क्योंकि यह सरकार चंदा धंधा के मॉडल में बिजी हैं इस चंदा धंधा मॉडल ने न सिर्फ हमारे खाने को जहरीला बना दिया है बल्कि हमारी दवाइयों को भी जहरीला बना दिया इसकी बात मैंने कही थी
फार्मा फाइल्स वाले वीडियो में यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं और जानने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद